New Extra Question Chapter 3 Class 8 History Online
-
New Extra Question Chapter 3 Class 8 History Online
सभी प्यारे छात्रों हम आपके लिए हिंदी में NCERT Solutions Class 8 Social Science पुस्तक के इतिहास अध्याय 3 "ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना" का पूर्ण हल प्रस्तुत हैं। हर साल इस पाठ से प्रश्न अवश्य पुछे जाते है। Please don't miss it . यह कक्षा 8 NCERT Solutions in Hindi माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
NCERT New Extra Questions for Class 8 Social science History|| Chapter 3 Ruling the Countryside
NCERT Solutions for class 8 Social Science||History Chapter 3 Ruling the Countryside
ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना
Ruling the countryside
Ruling the Countryside Class 8 Extra Questions's Very Short Answer Type here
Gramin Kshetra (area) per shasan chalana
Learn all very short Questions answer
Q ➤ अंग्रेजों को बंगाल बिहार उड़ीसा की दीवानी किसने दी थी?Ans ➤ मुगल सम्राट आलम ने।
Q ➤ अंग्रेजों को बिहार, बंगाल और उड़ीसा की दीवानी कब मिली?Ans ➤ 12 अगस्त 1765 में अंग्रेजों को बिहार बंगाल उड़ीसा की दीवानी मिली।
Q ➤ ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी ब्रिटेन से कौन-सी महंगी धातु मंगवाते थे?Ans ➤ सोना और चांदी।
Q ➤ मुगल सम्राट से किस अंग्रेज अधिकारी ने दीवानी प्राप्त की थी?Ans ➤ रॉबर्ट क्लाइव ने।
Q ➤ कंपनी ने बंगाल में स्थाई बंदोबस्त कब लागू की थी?Ans ➤ स्थाई बंदोबस्त बंगाल में 1793 ईस्वी में लागू की थी।
Q ➤ अंग्रेजों ने बंगाल में स्थाई बंदोबस्त को क्यों लागू किया?Ans ➤ ताकि बंगाल की अर्थव्यवस्था को बढ़ाकर कंपनी के लिए धन कमाना।
Q ➤ स्थाई बंदोबस्त से किसानों पर क्या बुरा प्रभाव पड़ा था?Ans ➤ अधिकतर किसान कर्जों के जाल में जकड़े गए।
Q ➤ स्थाई बंदोबस्त बंगाल में किसने लागू किया था?Ans ➤ लार्ड कार्नवालिस ने।
Q ➤ बंगाल में अकाल कब पड़ा था?Ans ➤ 1770 में भयंकर अकाल पड़ा था।
Q ➤ बंगाल में अकाल से क्या हुआ था?Ans ➤ 1970 के अकाल के कारण लगभग 1 करोड लोग मारे गए थे। बंगाल के लगभग एक तिहाई आबादी खत्म हो गई थी।
Q ➤ महाल किसे कहते हैं?Ans ➤ ब्रिटानिया राजस्व दस्तावेजों में महाल एक राजस्व इकाई होती थी। ये एक गांव या गांव का एक समूह(ग्रुप) में होती थी।
Q ➤ टॉमस मुनरो गवर्नर कब बना था?Ans ➤ टॉमस मुनरो 1820 ईस्वी में गवर्नर बना था।
Q ➤ टॉमस मुनरो कहां का गवर्नर नियुक्त हुआ था?Ans ➤ टॉमस मुनरो 1820 ईस्वी में मद्रास(चेन्नई) का गवर्नर नियुक्त हुआ था।
Q ➤ महालवारी व्यवस्था किसने बनाई थी?Ans ➤ होल्ट मैकेंजी नामक अंग्रेज ने।
Q ➤ महलवारी व्यवस्था कब लागू की गई थी?Ans ➤ महलवारी व्यवस्था 1822 में लागू की गई थी।
Q ➤ महालवाड़ी व्यवस्था कहां लागू की गई थी?Ans ➤ बंगाल प्रेसिडेंसी के उत्तर पश्चिमी राज्यों में लागू हुई थी। इस प्रदेश का अधिकतर भाग उत्तर प्रदेश में है।
Q ➤ रैयतवारी व्यवस्था किसने बनाई थी?Ans ➤ मद्रास के गवर्नर टाॅमस मुनरो ने।
Q ➤ रैयतवारी व्यवस्था कहां लागू की गई थी?Ans ➤ इस व्यवस्था के लिए दक्षिण भारत को चुना गया था।
Q ➤ अफीम और नील की फसल उत्पादन पर किसने जोर दिया था?Ans ➤ अंग्रेजों ने 18वीं शताब्दी के आखिर में जोर देना शुरू कर दिया था।
Q ➤ नील को कहां से प्राप्त करते थे?Ans ➤ नील नामक पौधे से नील को प्राप्त करते थे।
Q ➤ अंग्रेजी कंपनी के समय में दुनिया में सबसे ज्यादा नील को पैदा करने वाला देश कौन-सा था?Ans ➤ भारत देश था।
Q ➤ यूरोपीय बाजारों में भारतीय नील की कीमत कितनी थी?Ans ➤ भारतीय नील की कीमत सबसे ऊंची थी।
Q ➤ यूरोपियन लोग नीला और बैंगनी रंग किस पौधे से तैयार करते थे?Ans ➤ वोड नामक पौधे से तैयार करते थे।
Q ➤ बागान किसे कहते थे?Ans ➤ एक बहुत बड़ा भूखंड जिस पर भूस्वामी बहुत सारे लोगों पर अपनी मर्जी(ज़बरदस्ती) से काम करवाता था। इन बागान में गन्ने, चाय, काफी, तंबाकू और कपास आदि की फसलें भी उगाई जाती थी।
Q ➤ नील का रंग कैसा होता था?Ans ➤ नील का रंग बहुत ही चमकदार वाला रंग होता था। इसकी बाजार में मांग बहुत थी।
Q ➤ वोड से कैसा रंग प्राप्त होता था?Ans ➤ इसका रंग फीका और बेजान सा होता था नील से प्राप्त रंग की तुलना में।
Q ➤ गुलाम किसे कहते हैं?Ans ➤ गुलाम उसको कहते हैं जो अपने स्वामी की संपत्ति होता है। गुलामों के पास में न कोई आजादी होती है, न ही कोई अधिकार, गुलामों को जीवन भर अपने मालिक(स्वामी) के लिए कार्य करना होता है।
Q ➤ नील की खेती के लिए दो मुख्य तरीके कौन-से थे?Ans ➤ निजी और रैयती।
Q ➤ बीघा किसे कहते थे?Ans ➤ बीघा जमीन की एक माप होती थी। अंग्रेजों के शासन से पहले बीघे अलग आकारों में होते थे। अंग्रेजों ने बंगाल में इसका क्षेत्रफल को लगभग एक तिहाई एकड़ निश्चित कर रखा था।
Q ➤ रैयतो को अपनी जमीन पर कितने भाग में नील की खेती को करना पड़ता था?Ans ➤ लगभग 25% भाग पर।
Q ➤ अंग्रेजों ने भारतीय खेती में सुधारों पर जोर क्यों दिया था?Ans ➤ क्योंकि वो यूरोप के लिए अनाज और कच्चा माल भारत से कम कीमत में प्राप्त करना चाहते थे।
Q ➤ गुमाशता कौन होते थे?Ans ➤ बागान मालिकों के एजेंट होते थे जो कि रैयतो से लगान(कर) की वसूली करते थे।
Q ➤ बागान मालिकों ने बंगाल से नील का उत्पादन बंद होने पर नील की खेती के लिए किस प्रदेश पर अपना ध्यान लगाया?Ans ➤ बिहार में।
Q ➤ नील के बागान मालिकों के खिलाफ कौन सा आंदोलन चलाया था?Ans ➤ चंपारण आंदोलन।
Q ➤ चंपारण आंदोलन की शुरुआत किसने की थी?Ans ➤ महात्मा गांधी ने 1917 में की थी।
Q ➤ अफ्रीकी गुलामों के सेंट डॉमिंग्यू में विद्रोह से क्या परिणाम निकला?Ans ➤ अफ्रीकी गुलामों के विद्रोह से दास प्रथा खत्म हुई और नील की खेती भी ठप हो गई थी।
Q ➤ सेंट डॉमिंग्यू किसका उपनिवेश था?Ans ➤ सेंट डॉमिंग्यू कैरेबियाई द्वीप समूह स्थित फ्रांसीसी उपनिवेश था।
Q ➤ सेंट डॉमिंग्यू में अफ्रीकी गुलामों का विद्रोह कब हुआ था?Ans ➤ 1791 में सेंट डॉमिंग्यू के अफ्रीकी गुलामों ने विद्रोह किया था।
Q ➤ अफ्रीकी गुलामों का विद्रोह कैसा था?Ans ➤ हिंसक था। बागानों को आग लगा दी थी और अपने धनी मालिकों को मार डाला था।
Q ➤ फ्रांस ने अपने उपनिवेशों में दास प्रथा को कब समाप्त किया था?Ans ➤ 1792 में, इस कारण कैरेबियाई द्वीपों में नील की खेती ठप हो गई थी।
Q ➤ वोड पौधा किस क्षेत्र में उगता था?Ans ➤ शीतोषण क्षेत्र में उगता था।
Q ➤ यूरोप के किन भागों में यह वोड पौधा उगता था?Ans ➤ दक्षिणी फ्रांस, उत्तरी इटली, ब्रिटेन और जर्मनी के कई भागों में यह पौधा उगता था।
Q ➤ भारत में किसानों का नील विद्रोह कब हुआ था?Ans ➤ मार्च 1858 में,भारतीय किसानों ने बागान मालिकों से नील की खेती करने से इंकार कर दिया था। यह 1858 ई. से 1860 ई. के बीच बंगाल और बिहार के बड़े भाग में चला था।
Q ➤ चंपारण नील विद्रोह क्या था?Ans ➤ 1866 से 1868 तक किसानों का विद्रोह मकान मालिकों के खिलाफ चला था। 1917 में गांधी जी के प्रयास से यह आंदोलन सफल हुआ था। बागान मालिकों और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था भारतीय किसानों ने नील उगाने से मना कर दिया था।
Q ➤ 1765 से पहले ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी भी ब्रिटेन से क्या आयात करते थे?Ans ➤ सोना और चांदी का याद आयात करते हैं
Q ➤ स्थाई बंदोबस्त नीति का सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ थाAns ➤ इस नीति का सबसे ज्यादा फायदा बंगाल के जमींदारों को हुआ था।क्योंकि उन्हें सरकार को कोई भी भेंट नहीं देनी पड़ती थी।
गो/गौ शब्द के रूप Gau Shabd Roop in Sanskrit Grammar study गो/गौ ओकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द नमस्कार साथियों, आज हम गो/गौ शब्द के रूप Go/Gau Shabd Roop को Sanskrit Grammar में ओकारांत पुल्लिंग शब्द रूप को study करेंगे। इसमें हम गो/गौ शब्द का अर्थ , बहुवचन, पर्यायवाची शब्द , संस्कृत व्याकरण में इसके शब्द रूप को table में जानेंगे जी। गो/गौ शब्द के रूप image source by PixelLab English Grammar में गाय को Cow 🐄🐮 (काऊ) कहते हैं और बैल को Bull(बुल) कहते हैं जी। देखें इस शब्द रूप को→ अस्मद् शब्द रूप गो/गौ शब्द का संस्कृत व्याकरण में अर्थ/मतलब गाय और बैल से दोनों से ही होता है। गो ओकारांत पुल्लिंग शब्द का अर्थ बैल किरण, सुर्य होता है और इसका ओकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द में इसका अर्थ/मतलब गाय, वाणी और पृथ्वी होता है जी। हमारी व्याकरण में गो को साँड या बैल ही कहते हैं। लेकिन इसे गो जाति के लिए ही प्रयोग में लाया जाता है। इस तरह से हम गो शब्द को गाय और बैल दोनों हेतु प्रयोग करते हैं। गाय शब्द स्त्रीलिंग शब्द होता है। नोट कर लेना :- एक बात नोट कर लें कि गो/गौ के ओकारांत पुल्लिंग और स्
Kim ke Pulling Shabd Roop in Sanskrit नमस्कार जी, आप सभी का मैं इस Kim shabd roop के किम् पुल्लिंग शब्द रूप में हार्दिक स्वागत करता हूं। आज इस kim shabd का अर्थ के साथ किम् पुल्लिंग शब्द रूप की तीनों विभक्तियां बताऊंगा। किम् शब्द संस्कृत व्याकरण में सर्वनाम शब्द रूप होता है । अब किम् शब्द का अर्थ भी जानें। इसका अर्थ होता है क्या, कौन (Who, What)आदि। पुल्लिंग सर्वनाम यदादि यद् तद् एतद् किम् शब्दों का य: , स: , एष: , स्य: , क: होगा। किम् नपुंसकलिंग शब्द रूप में प्रथमा वह द्वितीया का एकवचन यत् , तत् , एतत् , त्यत् , किम् होगा। किम् स्त्रीलिंग शब्द के रूप या, सा, एषा, स्या का होगा। किसी भी सवर्नाम शब्द रूप संबोधन नहीं बोला/लिखा जाता है। किम् पुल्लिंग शब्द रूप संस्कृत व्याकरण में Kim shabd roop(किम् शब्द रूप) को exam में में कई तरह से पुछा जा सकता है जैसे कि Kim shabd roop पुल्लिंग की द्विवचन बताएं, किम् पुल्लिंग शब्द रूप की तृतीया विभक्ति का एकवचन क्या है आदि-आदि। आपसे निवेदन है कि आप बिल्कुल भी नर्वस नहीं होना। आप नीचे दिए गए शब्द रूप को ध्यान से समझना और उसके अनुसार ही लिख देना है जी।
चर् धातु के रूप Char dhatu roop in sanskrit अभी देखें चर् धातु:- नमस्कार दोस्तों , आज आप और हम Sanskrit Grammar की चर् धातु के रूप सभी लकारों सहित जानेंगे। इससे पहले हम भू धातु रूप , लिख् धातु रूप को जान चुके हैं। आज Char dhatu roop in sanskrit (चर् धातु रूप) की बारी है जी। चर् धातु रूप चर् का अर्थ:- चर् का अर्थ होता है विचरण करना, चलना, चरना । अब आप यह भी जान लो कि चर् एक भ्वादिगणीय धातु रूप ( dhatu roop ) है। इस संस्कृत व्याकरण में सभी भ्वादिगणीय धातुओं के रूप बिल्कुल Char dhatu roop in sanskrit की तरह से बनेंगे जी। हमनें आपके लिए संस्कृत व्याकरण में अनेक शब्द रूप में लिखें है, जैसे कि तत् शब्द रूप अस्मद् शब्द रूप , युष्मद शब्द रूप , लता शब्द रूप , नदी शब्द रूप , राम शब्द रूप , मुनि शब्द रूप आदि-आदि। हम अपनी तरफ से आपकी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए मदद करने के लिए तैयार है , बस आपका साथ बना रहे जी। चर् धातु रूप (चलना चलना विचरण करना) यहां पर संस्कृत धातु रूप के चर् धातु रूप को इसके सभी पुरुष और तीनों वचनों में चर् धातु रूप (Char dhatu roop) लिख् दिए हैं जी। 1. चर
साधु शब्द रूप Sadhu Shabd Roop In Sanskrit See Now In Grammar FAQ आप सभी का इस sanskrit grammar के sadhu shabd roop in sanskrit में स्वागत है। इससे पहले हमने तत् , बालक , अस्मद् , युष्मद् , लता , राम शब्द रूप कर लिए हैं। आज का Shabd roop साधु शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। साधु शब्द रूप एक उकारान्त शब्द रूप होता है। यह पुलिंग भी है जो पुरुष जाति का बोध अथवा पहचान कराता है। इसको हम साधु उकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द रूप भी कह सकते हैं। आज हम साधु शब्द रूप के बारे में पढ़ रहे हैं तो मैं आपको साधु के बारे में पूर्ण जानकारी free mein दुंगा। साधु का विलोम sadhu ka vilom 👇 आज हम साधु शब्द रूप के बारे में पढ़ रहे हैं तो मैं आपको साधु के बारे में पूर्ण जानकारी दुंगा। हम यहां पर साधु का विलोम शब्द भी जान लेते हैं। साधु का विलोम शब्द क्या होता है साधु वह होता है जो तपस्या(तप) करता है। वह तपस्वी होता है। उसे संसार की धन दौलत से लगाव नहीं होता है, जो ईश्वर की भक्ति में लीन होता है और सत्कर्म करता है, वह साधु होता है तो अब साधु का विलोम शब्द पाखंडी, असाधु और चोर लालची होता है। साधु शब्द
हरि शब्द के रूप - Hari shabd roop in sanskrit grammar देखें हरि शब्द के रूप - Hari shabd roop आप सभी साथियों का study ka box पर स्वागत है। इस लेख में हम आपके साथ Hari shabd roop in sanskrit grammar पर चर्चा करते हुए जानेंगे। हरि शब्द रूप संस्कृत व्याकरण में आप सभी बहन-भाईयों की मदद के लिए लिखा गया है। विद्यार्थीगण के लिए यह हरि शब्द रूप very important है। हरि शब्द के रूप से पहले हमने तत् शब्द रूप , युष्मद् शब्द रूप, लता शब्द रूप, राम शब्द रूप , बालक शब्द रूप , बालिका शब्द रूप और वधू आदि शब्द रूप भी लिख रखें हैं, इन्हें भी पढ़ लेना जी। हरि शब्द रूप Image credit by PixelLab Hari shabd roop in sanskrit:- हरि शब्द रूप का अर्थ क्या होता है तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि हरि का अर्थ "भगवान हरि नारायण" से है। भगवान नारायण से मतलब विष्णु (चक्रधारी, नीलांबर आदि) से है जी। हरि शब्द के रूप :- हरि शब्द रूप एक इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द होता है। जो-जो इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द होगें उन सभी के शब्द रूप आपने बिल्कुल ठीक इसी तरह से बनाने होंगे जी। आपके लिए Hari Shabd Roop को प
फल शब्द के रूप - fal shabd roop in sanskrit grammar study फल शब्द रूप नमस्कार साथियों, फल शब्द के रूप में आप सभी बहन-भाईयों का स्वागत है। आज यहां पर sanskrit grammar के Fal shabd roop को अच्छी तरह से study करेंगे। Fal shabd roop image source by PixelLab संस्कृत सिखने के लिए सबसे पहले shabd roop और dhatu roop का ज्ञान होना चाहिए। यदि आप संस्कृत(Sanskrit) बोलने में माहिर होना चाहते हैं तो शब्द रूप और धातु रूप को याद करना ही पड़ेगा। यह पहली शर्त है जी। हमारी इस वेबसाइट में शब्द रूप और धातु रूप का अनमोल खजाना भरा हुआ है। आज के इस लेख में फल शब्द रूप इस प्रकार है जी। इस फल शब्द रूप को आपके लिए टिप्स और ट्रिक्स के माध्यम से समझा रहा हूं। इसलिए इसे मन लगाकर समझें। फल शब्द का अर्थ - Fal shabd meaning इस फल शब्द को मुख्य रूप से Sanskrit grammar का शब्द माना जाता है। इसे हिन्दी में ऐसे ही प्रयोग कर लेते हैं। फल का मतलब है फलना या पेड़ का सस्य भाग। इंग्लिश में फल को fruits भी कहते हैं । हिन्दी और संस्कृत में फल को परिणाम (result) भी कहते हैं जी। फल का लिंग:- अगर फल शब्द का लिंग पुछा जाए तो इसक
Likh dhatu Roop Sanskrit mein लिख् धातु रूप 👇 लिख् धातु रूप संस्कृत में ( Likh dhatu Roop in Sanskrit) लिख् का संस्कृत व्याकरण में क्या अर्थ होता है तो जाने लिख् का अर्थ = लिखना, To Write होता है । यह भ्वादिगण और परस्मैपदी धातु होती है। लिख् धातु रूप संस्कृत व्याकरण में सर्चिंग बिंदु:- Likh dhatu roop Likh dhatu roop in sanskrit सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी तरह बनेंगे, जैसे →गम् ,तप् , भू-भव् ,धाव् ,अर्च् ,घ्रा अस्, गुह्, दा, पा, दृश् ,पच्, यज् ,पठ्, भज् ,सद् वद् ,सेव्, व्रज, स्था, वृत् ,शुभ्, शुच् ,वस् आदि। Likh dhatu roop in sanskrit तीनों पुरुष और वचनों के साथ नीचे लिखे गए हैं। 1. लिख् धातु रूप लट् लकार 👇 पुरूष एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष लिखति लिखत: लिखन्ति मध्यम पुरुष लिखसि लिखथ: लिखथ उत्तम पुरुष लिखामि लिखाव: लिखाम: 2. लिख् धातु लृट् लकार ( सामान्य भविष्यत्काल) - likh dhatu roop lrit lakar 👇 पुरूष एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष लेखिष्यति लेखिष्यत लेखिष्यन्ति मध्यम पुरुष लेखिष्यसि लेखिष्यथ: लेखिष्यथ उत्तम पुरुष लेखिष्यामि लेखिष्याव: लेखिष्याम: 3. लिख
Comments
Post a Comment
Please do not enter spam link in the comment box